मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो सूर्यदेव के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर पवित्र नदी में स्नान, दान-पुण्य, और खिचड़ी का भोग लगाने की परंपरा है। खिचड़ी, जो चावल और दाल से बनती है, इसे शुभ और पवित्र माना जाता है।
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मकर संक्रांति: खिचड़ी का महत्व और देवताओं को भोग लगाने की परंपरा |
मकर संक्रांति पर किन देवताओं को खिचड़ी का भोग लगाना चाहिए?
1. सूर्यदेव
मकर संक्रांति सूर्यदेव को समर्पित त्योहार है।
- पूजा विधि:
- सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
- तांबे के लोटे में जल, गुड़, लाल फूल, और चावल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
- इसके बाद सूर्यदेव को खिचड़ी का भोग लगाएं।
- लाभ: सूर्यदेव की कृपा से स्वास्थ्य में सुधार, धन-संपत्ति, और परिवार में सुख-शांति का आगमन होता है।
2. भगवान विष्णु
मकर संक्रांति भगवान विष्णु की पूजा के लिए भी अत्यंत शुभ मानी जाती है।
- पूजा विधि:
- विष्णुजी के समक्ष दीपक जलाएं और खिचड़ी अर्पित करें।
- तुलसी के पत्तों के साथ खिचड़ी का भोग लगाना शुभ होता है।
- लाभ: भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
3. शनिदेव
शनिदेव को मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी अर्पित करने का विशेष महत्व है।
- पूजा विधि:
- शनिदेव की प्रतिमा के समक्ष सरसों का तेल चढ़ाएं।
- काले तिल, उड़द की दाल, और चावल से बनी खिचड़ी का भोग लगाएं।
- लाभ: शनिदेव की कृपा से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है। कर्मों का सकारात्मक फल प्राप्त होता है और जीवन में उन्नति होती है।
मकर संक्रांति पर खिचड़ी का महत्व
- खिचड़ी दाल, चावल, और तिल का मेल है, जो इस दिन के प्रमुख प्रसाद के रूप में तैयार की जाती है।
- खिचड़ी बनाने और देवी-देवताओं को अर्पित करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- इसे गरीबों और जरूरतमंदों में बांटना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
मकर संक्रांति पर अन्य महत्वपूर्ण कार्य
- पवित्र स्नान और दान:
- गंगा, यमुना, या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
- तिल, गुड़, कंबल, और अन्न का दान करें।
- खिचड़ी भोज:
- खिचड़ी बनाकर परिवार और दोस्तों के साथ बांटें।
- इसे ब्राह्मणों और गरीबों को दान करें।
निष्कर्ष
मकर संक्रांति न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है। खिचड़ी का भोग और दान-पुण्य जीवन में सकारात्मकता और खुशियां लाता है। इस दिन देवताओं को प्रसन्न करने के साथ ही गरीबों की सहायता करना हमारे जीवन को और भी शुभ बनाता है।